15 Perfect Steps for IPO Application

क्या Perfect करें जिससे IPO Application से मिले मुनाफा?

क्या वाकई  Perfect Steps for IPO Application हो सकते हैं? ऐसा क्या करें जिससे बेहतर IPO का चुनाव कर सकें? ऐसा क्या करें कि IPO में शेयर मिलने की सम्भावना ज्यादा हो जाए? और फिर क्या करें कि लिस्टिंग के समय मुनाफा कमाने के साथ साथ भविष्य में और अधिक मुनाफा मिलने की सम्भावना बन जाए? आपके इन्ही सवालों का जवाब इस लेख में देने का हमारा प्रयास है. ये 15 Perfect Steps for IPO Application न सिर्फ आपको फ़ायदा मिलने की सम्भावना बढाएंगे, बल्कि अधिकतर समय आप संभावित नुकसान से भी बचे रहेंगे.

Table of Contents – हम जानेंगे:

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IPO का आकर्षण

IPO में अप्लाई करना शायद भारत – पाकिस्तान के क्रिकेट मैच के बाद सबसे बड़ा आकर्षण बन चुका है. अधिकतर निवेशकों ने डीमैट खाते इसलिए ही खुलवाये हैं जिससे IPO में आवेदन किया जा सके.

भाग्य के इस खेल में कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाने का आकर्षण होता है जिससे समझदार निवेशक भी दूर नहीं रह पाते. भाग्यशाली निवेशकों को नयी कंपनियों के शेयर्स ऑफर कीमत पर मिल जाते हैं. मार्किट में उस शेयर की लिस्टिंग पर मुनाफा होने की सम्भावना भी अच्छी होती है क्योंकि ज़्यादातर मौकों पर मांग अधिक होती है और उपलब्धता कम. लगभग 6-7 दिनों में बढ़िया मुनाफे की लालसा में अधिक से अधिक IPO में प्रयास किया जाता है.

पर शेयर मिलने वाली सफलता महज कुछ प्रतिशत को ही मिलती है. जिन्हें नहीं मिलते वो सफल आवेदकों की सफलता का कारण जानना चाहते हैं. वर्ष 2021 में आये अब तक 80 से ज्यादा IPO में मुनाफा कमाने वाले 4-5 IPO भी किसी भाग्यशाली को ही मिले होंगे.

पर Paytm जैसे IPO ने लोगों को सबक सिखाया कि आँख मूंद कर हर IPO में नहीं जाना चाहिए. ऐसे मामले में तो जिन्हें शेयर नहीं मिले वो अपने आपको सफल मान रहे हैं. और जिन्होंने इसके लिए आवेदन ही नहीं किया वो तो सातवें आसमान पर हैं.

IPO नए निवेशकों की पहली पसंद क्यों?

  1. IPO के जरिये शेयर बाज़ार में आई अधिकतर कंपनियों ने निवेशकों को शानदार मुनाफा दिया है. कई बार देखा गया कि लिस्टिंग कीमत, ऑफर कीमत से काफी ज्यादा हो जाती है जिससे उस IPO के सफल आवेदकों को महज कुछ ही दिनों में बड़ा मुनाफा हो जाता है. इतने कम समय में मुनाफा किसी भी और वैध निवेश में संभव नहीं.
  2. IPO में ऑफर की गयी कीमत कई बार बहुत आकर्षक होती है. कम कीमत पर किसी अच्छी कंपनी के शेयर मिलने पर लम्बे समय में शानदार कीमत मिल सकती है. कम कीमत में शेयरधारक बनने का मौका मिलता है.
  3. सभी के लिए एक समान कीमत: अनुभवहीन निवेशकों की मानसिकता यह भी होती है कि शेयर दूसरों से महंगा खरीद लिया जैसा झंझट नहीं रहता. सभी को एक ही कीमत पर शेयर ऑफर होंगे.
  4. समय और समझ की कमी: भारतीय बाज़ार में अब भी अधिकतर निवेशक पार्ट टाइम है जिनके पास या तो समय नहीं है इसे समझने के लिए या इसे समझने लायक विश्वास नहीं. ऐसे में वो अपने निवेश के लिए भाग्य का सहारा लेते हैं
  5. पाने के लिए बहुत कुछ, खोने के लिए बहुत कम: SEBI के नियमों के हिसाब से, शेयर मिलने पर ही निवेशकों के खाते से रूपये कटते हैं. शेयर नहीं मिले, तो पैसा यूँ का यूँ बैंक खाते में रह जाता है. हलांकि आवेदन के समय से लेकर अलॉटमेंट के समय तक पैसा खाते में ही ब्लाक रहता है.
  6. शेयर मिल जाने पर अधिकतर समय लिस्टिंग पर मुनाफा मिल ही जाता है. कभी बहुत कम और कभी बेहद ज्यादा. नुकसान की सम्भावना अपेक्षाकृत कम होती है.

IPO से नुकसान

जैसा हमने बताया, कि आवेदन के समय से लेकर अलॉटमेंट के समय तक पैसा खाते में ही ब्लाक रहता है. ऐसे में उस रकम का कोई और इस्तेमाल नहीं हो पाता. निराशा तब और बढ़ जाती है जब बाद में शेयर भी नहीं मिलता. और ये निराशा ज़्यादातर अच्छे मौकों पर होगी ही होगी. 90% से अधिक मौकों पर रकम ब्लॉक करवाने पर भी सफलता नहीं मिलती. ऐसे समय में हर आवेदन के हिसाब से लगभग 15 हज़ार की रकम ब्लाक हो जाती है जो हमारे देश के छोटे निवेशकों के लिए कभी कभी परेशानी का कारण भी बन सकता है. ये ब्लाक 3 दिन से लेकर 7 दिनों तक हो सकता है. कई ज़रूरी काम इस रकम के अभाव में रुक सकते हैं.

लेकिन इससे भी बड़ा नुकसान है डिस्काउंट पर लिस्टिंग यानी ऑफर कीमत से कम कीमत पर शेयर का बाज़ार में पर्दापण. जैसा Paytm के बहुचर्चित IPO के साथ हुआ. लिस्टिंग में घाटा होते देख कई शेयरधारक आगे सही कीमत मिलने की आशा में अपने शेयर नहीं बेचते और घाटा बढता जाता है. कभी इसके उलट, घबराहट में लोग घाटे में शेयर बेच देते हैं और बाद में शेयर संभल जाता है. Macrotech Developers का शेयर नुकसान में खुला लेकिन बाद में इसके भाव दुगुने से भी अधिक हो गए.

15 Perfect Steps for IPO Application जिससे नुकसान की सम्भावना होगी कम

शेयर बाज़ार अनिश्चितताओं का क्षेत्र है. पूरी तैयारियों और जानकारी के बावजूद भी नुकसान हो सकता है. फिर भी हम कुछ बातें ऐसी बताएँगे जिससे आप IPO का बेहतर फ़ायदा ले सकेंगे.

  1. घर के अधिकतर लोगों के डीमैट खाते खुलवाएं. कोई भी अच्छे IPO का मौका आने पर अधिक से अधिक अलग अलग खातों से आवेदन करें. ऐसे में किसी न किसी खाते में सफलता की सम्भावना बढ़ जाएगी.
  2. बैंक खातों में पर्याप्त रकम रखें. एक खाते के लिए प्रति एप्लीकेशन के लिए लगभग 15 हज़ार रुपयों की आवश्यकता होगी. कई मौकों पर एक ही समय में, ये 1-2 दिन के अंतराल पर ही एक से अधिक IPO आते हैं, इसलिए रकम की आवश्यकता भी अधिक होगी जिससे आप ज़्यादातर मौकों पर आवेदन कर सकें. याद रखें कि एक बार आवेदन करने पर आपकी रकम 7-8 दिनों के लिए ब्लॉक हो सकती है. अलॉटमेंट होने पर आपको अपनी रकम के लिए और 5-6 दिन इंतज़ार करना पड़ेगा. आसान शब्दों में IPO की हर एप्लीकेशन पर लगभग 15 दिन के ब्लॉक के लिए तैयार रहें. उतनी ही एप्लीकेशन लगायें, जितने आपको इस समय के लिए ब्लॉक रखने में असुविधा न हो.
  3. UPI ID और Netbanking को अपने खाते से जोड़ कर रखें क्योंकि IPO के समय में आपको इनकी ज़रुरत पड़ेगी. डीमेट से आवेदन करते समय आपको UPI माध्यम अपनाना है. या Netbanking से आवेदन के लिए अपने डीमेट खाते की संख्या तैयार रखें. आप दोनों में से कोई भी तरीका अपना सकते हैं.
  4. आने वाले IPO की जानकारी हासिल करें जो आपकी इन्टरनेट के माध्यम से आसानी से मिल जाएगी. जानिए कि IPO ला रही कंपनी का क्या व्यापार है, कंपनी की आर्थिक स्थिति क्या है? कंपनी कमाई के लिए क्या करती है? कैसे मौके कंपनी भविष्य में हासिल कर सकती है? IPO की रकम को कंपनी किस प्रकार इस्तेमाल करेगी? संभव हो तो किसी अनुभवी व्यक्ति से चर्चा करें.
  5. OFS और Fresh Issue का अनुपात क्या होगा. OFS के माध्यम से कंपनी के मौजूदा निवेशक अपनी हिस्सेदारी बेच रहे होते हैं जबकि Fresh Issue के रुपयों का इस्तेमाल कंपनी व्यापार बढाने के लिए, लोन चुकाने के लिए करती है. Fresh Issue का बड़ा अनुपात अच्छे भविष्य का संकेत हो सकता है.
  6. IPO खुलने के बाद निवेशकों का रुझान देखें. IPO में आवेदन के लिए आपके पास 3 दिन का समय होता है, जोकि पर्याप्त होता है. अगर एप्लीकेशन लगाते समय ज़रूरी तकनीकी समझ आपको अच्छे से है, तो पहले दिन इंतज़ार करें और दूसरे दिन पता करें कि IPO कितना सब्सक्राइब हुआ. कीमतें मांग और उपलब्धता पर निर्भर करती हैं इसलिए ज्यादा सब्सक्राइब होना, लिस्टिंग पर मुनाफे का एक संकेत है. हलांकि ज्यादा सब्सक्राइब होने पर आपको शेयर मिलने की सम्भावना भी कम हो जाती है.
  7. GMP यानि ग्रे मार्किट प्राइस भी लिस्टिंग पर मिलने वाली कीमत का एक संकेत होता है हलांकि यह बिलकुल सटीक नहीं हो सकता. पर ग्रे मार्किट की अच्छी कीमत किसी IPO को और आकर्षक बना देती है. याद रखें कि GMP गैर अधिकारिक आंकड़े होते हैं जिन्हें संस्थाएं अपने लाभ के लिए निवेशकों को भ्रमित करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकती हैं.
  8. दूसरे दिन के आखिर में या तीसरे दिन की शुरुआत में आप यह सब समझ कर अपना आवेदन कर सकते हैं. पर तीसरे दिन के अंत का भी इंतज़ार न करें. ऐन समय पर आप भूल सकते हैं, कोई तकनीकी परेशानी आ सकती है, आप व्यस्त हो सकते हैं, इसलिए मन बना लेने के बाद तीसरे दिन तक समय से पहले ही आवेदन ज़रूर कर दें.
  9. अगर आपको आवेदन के बाद शेयर नहीं मिले तो निराश होने के बजाय अगले IPO की तैयारी पहले स्टेप से फिर शुरू करें.
  10. आपके खाते से रकम डेबिट होना संकेत है कि आपको शेयर मिल चुके हैं. अब आप अपना लक्ष्य तय करलें जिससे लिस्टिंग होने के बाद आप तुरंत फैसला ले सकें. आप निम्न में से कोई भी एक strategy अपना सकते हैं:
    • लिस्टिंग पर सभी शेयर बेच देना: आपको घाटा हो रहा हो या मुनाफा, कितना भी हो रहा हो, आप उसे अपनी किस्मत मान कर पूरे शेयर तुरंत बेच दें. दो दिन बाद आप ये पूरी रकम अपने बैंक खाते में ले सकते हैं. छोटे निवेशक जो ज्यादा जोखिम नहीं ले सकते, वो ये करते हैं.
    • लिस्टिंग पर अपना निवेश बाहर कर लेना, शेष आगे के लिए रख लेना: कुछ निवेशक लिस्टिंग मुनाफे पर अपने निवेश बराबर शेयर बेच देते हैं और बाकी शेयर आगे के लिए रख लेते हैं. ऐसे में आपको घाटा होगा ही नहीं और बचे हुए शेयर बाद में बेचने पर या उनपर डिविडेंड मिलने पर आपको और बड़ा मुनाफा हो सकता है. लेकिन कई बार कीमत घट सकती है और आप जो मुनाफा कम सकते थे, उससे कम आपको मिलेगा. लेकिन पहले ही अपना निवेश बाहर करने पर आप उस रकम को अन्य IPO के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
    • कुछ निवेशक 50% शेयर ही बेचते हैं और 50% लम्बे समय में निवेश करने के लिए रख लेते हैं. लिस्टिंग पर होने वाले मुनाफे पर निर्भर करेगा कि पहले दिन आपके वास्तविक निवेश की कितनी रकम आपने वापिस निकाल ली. कई बार मुनाफा कम होने पर 50% रकम आपकी अगली IPO एप्लीकेशन के लिए नाकाफी होगी, इसलिए सोच समझ कर फैसला करें.
    • तय लक्ष्य पर ही शेयर बेचना: कई बार निवेशक एक तय रकम पर ही अपने शेयर बेचते हैं. संभव है ये या उससे ज्यादा आपको लिस्टिंग पर ही मिल जाए, पर कई बार आपको इंतज़ार करना पड़ सकता है. आपका लक्ष्य उसी दिन, अगले दिन, या कई बार और अधिक समय ले सकता है. किस्मत ठीक नहीं होने पर हो सकता है आपका लक्ष्य दूर ही रह जाए और हो सकता है कि आप लिस्टिंग से कम कीमत पर अपने शेयर भविष्य में बेचने पर मजबूर हो जाएँ.
    • लम्बे समय का पूर्ण निवेश: लिस्टिंग और उसके बाद के अच्छे रुझान को देखते हुए कुछ निवेशक अपने शेयर बिलकुल नहीं बेचते क्योंकि उन्हें अपनी लागत की कीमत बेहद कम लग रही होती है और उन्हें उम्मीद होती है कि इससे कई गुना उन्हें भविष्य में मिलेगा. हलांकि इसमें जोखिम बड जाता है क्योंकि भविष्य अनिश्चित है और उम्मीद मुताबिक परिणाम कई बार नहीं मिलता.
  11. आपने अपनी strategy तैयार कर ली है तो समय है उसपर अटल रहने की. हो सकता है आपको अपने निर्णय पर अफ़सोस हो लेकिन कमाया गया कोई भी मुनाफा आपको हौसला देगा. कभी कभी समय से लिए गया फैसला आपको बड़े नुकसान से बचा भी सकता है. गलतियों से सबक ज़रूर लें. अच्छी बात यह है कि पहले 10 स्टेप ठीक से लेने के बाद आपके वास्तविक नुकसान की संभावनाएं बेहद कम हो जाएगी, ऐसा हमारा विश्वास है. इसी मानसिकता से लिस्टिंग के समय का इंतज़ार करें.
  12. आमतौर पर IPO के शेयर के भाव का अंदाज़ा आपको लिस्टिंग के दिन ठीक 9:45 पर सुबह हो जायेगा. तब तक आप अपना Tpin तैयार रखें और जिस मोबाइल पर OTP आएगा, वो सामने रखें. SEBI के नियमों के हिसाब से अतिरिक्त सुरक्षा के लिए शेयर बेचने के लिए आपको Tpin द्वारा authorize करना ज़रूरी है. बिना tpin के आप शेयर नहीं बेच पाएंगे. अगर आप अपने परिवार के सदस्य का डीमेट खाता ऑपरेट कर रहे हैं तो उनका मोबाइल, PAN, DOB भी तैयार रखे. अलग अलग डीमेट कंपनी के हिसाब से इनकी आवश्यकता शेयर बेचते समय हो सकती है.
  13. ठीक 10 बजे सुबह, आपका शेयर कारोबार के लिए लिस्ट हो जायेगा. आपके तय किये लक्ष्य के हिसाब से आपको अगला कदम उठाना है.
  14. शेयर बेच देने पर / नहीं बेचने पर आपको मौजूदा कीमत देखकर बुरा लग सकता है पर आपको याद रखना है कि यहाँ सब कुछ परफेक्ट नहीं हो सकता. पर सही प्लानिंग और धीरज से आप अपने लक्ष्य के करीब जा सकते हैं.
  15. अगर आपको लिस्टिंग में शेयर नहीं मिले थे लेकिन आपको विश्वास है कि कंपनी अच्चा कर सकती है तो आप ये शेयर बाज़ार में लिस्ट होने पर खरीद सकते हैं जो आपके विवेक पर निर्भर करेगा. मौजूदा रकम वास्तविक ऑफर कीमत से कम भी हो सकती है या ज्यादा भी. आप थोडा इंतज़ार करें और अगले कुछ दिनों में शेयर कीमत का रुझान और बाज़ार की रिपोर्ट आपको बेहतर फैसले में मदद करेगी. ऐसे में IPO में शेयर नहीं मिल पाने का मलाल कम हो जायेगा.

उम्मीद है, हमारे बताये ये स्टेप्स आपके लिए IPO Application के perfect steps बन सकेंगे. आपको यह लेख कैसा लगा, कमेंट्स में हमें ज़रूर बताएं.

Disclaimer: शेयर बाज़ार में निवेश जोखिम भरा है. सोच समझ कर ही निवेश करें. ऊपर बताये स्टेप्स लेखक के अपने विचार हैं.

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